आमतौर पर हर वर्ष आगरा समेत देशभर से शिया समुदाय के हजारों लोग चेहलूम (Arba’een) पर इमाम हुसैन और कर्बला के 72 शहीदों की याद में इराक जाते हैं। यह ज़ियारत समूह में 15–30 दिनों की यात्रा होती है जिसमें ईराक के साथ-साथ ईरान के पवित्र स्थल भी शामिल होते हैं। लेकिन इस बार बढ़ते ईरान–इजरायल तनाव के बीच कई जहरीलापन भरे हालात उभरकर सामने आए हैं।
यात्रा स्थगन का प्रभाव
हैदराबाद के लगभग ३० शिया जायरीन को दिल्ली-तेहरान-माशहद ज़ियारत रूट पर भारी तनाव के चलते यात्रा स्थगित करनी पड़ी
इनके अलावा, लखनऊ के ज़ियारतगाहों से लौटे यात्री भी बेहद डरावने हालात बयां कर रहे हैं—जैसे कि तेहरान और माशहद में १४ घंटे तक बमबारी की आवाज़ें सुनना, जिससे उनकी यात्रा भयावह रूप ले गई ।