फिरोजाबाद: हाईवे पर बाइक सवार कांवड़ियों को कैंटर ने रौंदा, एक की मौत, दो गंभीर घायल — चालक वाहन छोड़कर फरार
सावन माह में कांवड़ यात्रा के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। मक्खनपुर इलाके में सोमवार सुबह तेज रफ्तार कैंटर ने तीन बाइक सवार कांवड़ियों को रौंद दिया, जिससे एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे के बाद कैंटर चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया और जांच शुरू कर दी है।
जयपुरिया स्कूल के सामने हुआ हादसा
यह दर्दनाक हादसा सोमवार सुबह करीब छह बजे राष्ट्रीय राजमार्ग (हाईवे) पर जयपुरिया स्कूल के सामने हुआ। थाना खैरगढ़ के गांव नावली निवासी विकास उर्फ पवन (24) अपने गांव के 15 साथियों के साथ शनिवार को सोरों से 51 किलो की कांवड़ लेकर रवाना हुआ था। सभी श्रद्धालु नगला भोला गांव स्थित शिव मंदिर के लिए जल लेकर लौट रहे थे।
सोमवार सुबह पवन अपने दो साथियों — सोनू (निवासी नगला भोला, खैरगढ़) और राजा (निवासी मोहिनीपुर, मक्खनपुर) — के साथ एक ही बाइक से लौट रहा था। जैसे ही वे मक्खनपुर हाईवे पर जयपुरिया स्कूल के सामने पहुंचे, पीछे से आ रहे तेज रफ्तार कैंटर ने उन्हें कुचल दिया।
एक की मौत, दो की हालत गंभीर
हादसे में तीनों श्रद्धालु सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर ही पवन की मौत हो गई, जबकि सोनू और राजा की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें एंबुलेंस से ट्रॉमा सेंटर भिजवाया गया है। घटना के बाद हाईवे पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।
कांवड़ियों में आक्रोश, पुलिस ने समझा-बुझाकर कराया शांत
घटना की सूचना मिलते ही मक्खनपुर पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंचे कांवड़ियों और स्थानीय लोगों ने आक्रोश जताया, लेकिन पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने कैंटर को कब्जे में ले लिया है और फरार चालक की तलाश की जा रही है।
पुलिस कर रही जांच
थाना प्रभारी मक्खनपुर ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है। मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और घायल श्रद्धालुओं के उपचार के इंतजाम किए गए हैं। जल्द ही चालक को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कांवड़ यात्रा में सुरक्षा पर उठे सवाल
इस हादसे ने सावन माह में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं ने मांग की है कि प्रशासन को हाईवे पर यातायात नियंत्रण के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।