आगरा: जिले में राशन माफिया सुमित अग्रवाल से कथित मिलीभगत के आरोपों के बीच, तत्कालीन एडीएम नागरिक आपूर्ति सुशीला अग्रवाल के खिलाफ शासन ने शुरू की गई उच्चस्तरीय जांच को और तेज़ कर दिया है। बुधवार को शासन की ओर से भेजी गई दो सदस्यीय जांच कमेटी ने आगरा में दस्तावेजी जांच शुरू कर दी।
जांच कमेटी का मिशन
जांच कमेटी में संयुक्त आयुक्त खाद्य अखिल सिंह और अपर आयुक्त राममूर्ति पांडे शामिल हैं। टीम ने कलेक्ट्रेट स्थित एडीएम नागरिक आपूर्ति कार्यालय और खाद्य एवं रसद विभाग में पहुंचकर जरूरी दस्तावेज जब्त किए। साथ ही, कार्यालय में तैनात कर्मियों के बयान दर्ज किए गए हैं।
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि टीम अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगी, जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
राशन माफिया का बड़ा नेटवर्क
खेरागढ़ का राशन माफिया सुमित अग्रवाल का नेटवर्क पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में फैला हुआ था। आरोप है कि वह मुफ्त बंटने वाले राशन के चावल को लाभार्थियों से दो रुपये प्रति किलो में खरीदकर अपने पास भंडारित करता था। इसके लिए उसने फेरीवालों का गैंग भी बनाया था।
एडीएम सुशीला अग्रवाल और सुमित अग्रवाल का रिश्ता
तत्कालीन एडीएम सुशीला अग्रवाल को सुमित अग्रवाल का रिश्तेदार बताया जाता है। सितंबर 2024 में तत्कालीन डीएम भानु चंद्र गोस्वामी की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने सुशीला अग्रवाल को पद से हटा कर राजस्व परिषद में भेज दिया था। साथ ही, उनके खिलाफ उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी जारी किए गए थे।
आगे की कार्रवाई
जांच कमेटी ने बृहस्पतिवार को कई महत्वपूर्ण स्थानों का निरीक्षण करने की योजना बनाई है। बुधवार को मिली कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो जांच की दिशा तय करेंगे।