पहली सालगिरह के दिन ही उजड़ गया सुहाग…”
जिस दिन शादी की सालगिरह थी, उसी दिन विधवा हो गई उषा। बेटी की किलकारी गूंजी और अगले ही दिन मनीष की चिता जली। सौंख गांव की हवा भी मातम से भारी हो गई।
💔 “खुशियों से भरा घर एक झटके में सूना हो गया…”
शुक्रवार को बेटी का जन्म, शनिवार को शादी की पहली सालगिरह, और उसी दिन सड़क हादसे में मनीष की मौत।
नवविवाहिता उषा की मांग का सिंदूर उस दिन हमेशा के लिए फीका पड़ गया।
👼 “जिस दिन बाप बना, उसी दिन बेटी अनाथ हो गई…”
एक दिन पहले जिस घर में किलकारी गूंजी, वहीं अगले दिन उठी अर्थी।
उषा की गोद में बेटी, आंखों में आंसू, और सिर पर अब कोई साया नहीं।
पूरा गांव रो पड़ा उस विधवा के मौन विलाप को देखकर।
🕊️ “मांग में सजा था सिंदूर, चिता से उठी राख…”
मथुरा के सौंख में सड़क हादसे में मनीष की मौत ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया।
12 जुलाई 2024 को हुई थी शादी, और 12 जुलाई 2025 को सालगिरह के दिन ही मनीष का सफर खत्म।