Agra Live News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बरहन क्षेत्र में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। भूख की हालत में रोटी मांगने गया एक दलित युवक—रवि वाल्मीकि—को मुर्गी फार्म संचालक और उसके साथियों ने बुरी तरह पीटा, हाथ-पैर बांधे, मुंह बंद किया और बाजरे के खेत में फेंक दिया।
भूख लगी थी, रोटी मांग ली — यही बन गया अपराध
अहारन निवासी रवि वाल्मीकि बुधवार को गांव-गांव घूमकर भोजन मांगते हुए नगला गोवर्धन और नगला बरी के बीच स्थित एक मुर्गी फार्म पर पहुंचा था। फार्म पर कुछ लोग पार्टी कर रहे थे। रवि ने रोटी मांगी, लेकिन दबंगों को यह नागवार गुज़रा। आरोप है कि उन्होंने रवि को पकड़कर लोहे की सरिया से बेरहमी से पीटा।
बंधक बनाकर खेत में फेंका
पीटने के बाद युवक के हाथ-पैर बांध दिए गए, उसका मुंह बंद किया गया और उसे बाजरे के खेत में फेंक दिया गया। रवि रातभर खेत में बेहोश पड़ा रहा। गुरुवार सुबह जब कुछ ग्रामीण चारा लेने खेत में पहुंचे, तब उन्होंने युवक को देखा और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कार्यवाही सवालों के घेरे में
मौके पर पहुंची पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केवल शांति भंग की कार्रवाई की है। एसीपी एत्मादपुर ने बताया कि पीड़ित पक्ष की ओर से कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है, इसलिए आगे की कार्रवाई रुकी हुई है।
वाल्मीकि समाज में आक्रोश
घटना से क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है। वाल्मीकि समाज के लोगों ने इसे जातीय उत्पीड़न करार दिया है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे समाज के सम्मान पर चोट है।
क्या यह वही उत्तर प्रदेश है जहां “सबका साथ, सबका विकास” का नारा दिया गया था?
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता और प्रशासनिक निष्क्रियता को भी उजागर करती है। क्या एक भूखे व्यक्ति का रोटी मांगना इतना बड़ा अपराध हो सकता है?