नक्शा पास कराने और भूमि बंधक रखने में कथित धोखाधड़ी के आरोपों से घिरे मैसर्स अंसल प्रॉपर्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीली अधिकरण (NCLT) में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) को पक्षकार बनाया गया है।
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ADA ने 7 मार्च 2025 को कंपनी के प्रमोटर प्रणव बंसल, सुशील अंसल, वाइस प्रेसीडेंट विनय यादव और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ थाना लोहामंडी में FIR दर्ज कराई थी। आरोप है कि कंपनी ने इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति (2008) के तहत 477.50 एकड़ भूमि का नक्शा पास कराया, जबकि स्वामित्व केवल 368.50 एकड़ भूमि का था।
विकास शुल्क के नाम पर जिन ज़मीनों को बंधक रखा गया, उनका मालिकाना हक भी बिल्डर के पास नहीं था। साथ ही, सिटी डेवलपमेंट चार्ज के रूप में ₹4.33 करोड़ की रकम भी जमा नहीं की गई थी।
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ADA उपाध्यक्ष एम. अरुन्मोली के अनुसार, NCLT में मामला जाने के कारण अंसल ग्रुप के खिलाफ जारी रिकवरी सर्टिफिकेट (RC)
भी कानूनी रूप से प्रभावहीन हो सकते हैं। जिला प्रशासन ने भू-राजस्व के माध्यम से वसूली के लिए RC जारी की थीं।