आगरा: जामा मस्जिद के पास अवैध निर्माण को लेकर थानाध्यक्ष और पुरातत्व विभाग के 8 अधिकारियों पर कोर्ट में शिकायत
आगरा:
छत्ता थाना क्षेत्र के एक युवक ने कोतवाली थानाध्यक्ष और सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद सहित आठ अधिकारियों के खिलाफ अदालत में प्रार्थनापत्र दाखिल किया है। मामले की सुनवाई करते हुए स्पेशल सीजेएम ने थानाध्यक्ष से 23 जुलाई को आख्या तलब की है।
शिकायत का मुद्दा
शिकायतकर्ता राजकुमार गुप्ता, जो नाला पीपल मंडी, छत्ता के निवासी हैं, ने बताया कि सुभाष बाजार में उनकी दुकान ‘मेसर्स राजकुमार मिल्क हाउस’ है। उन्होंने यह दुकान वर्ष 1982 में दुकान के स्वामी पृथ्वीनाथ भार्गव से किराए पर ली थी और तब से व्यवसाय चला रहे हैं।
हाल ही में, दुकान के मालिकों ने उन पर दुकान खाली करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया, जिसके चलते राजकुमार ने अदालत में सिविल वाद दायर किया। अदालत ने अस्थायी स्थगनादेश पारित कर दुकान खाली न करने का आदेश दिया।
अवैध निर्माण का आरोप
राजकुमार का आरोप है कि दुकान संरक्षित ऐतिहासिक स्मारक जामा मस्जिद की 100 मीटर की परिधि में स्थित है, जहां बिना पुरातत्व विभाग की अनुमति के कोई निर्माण कार्य करना वर्जित है। इसके बावजूद पुलिस के सहयोग से विपक्षी पक्ष ने अवैध रूप से कॉम्प्लेक्स बनवाना शुरू कर दिया।
कार्रवाई और धक्कामुक्की
राजकुमार ने 24 नवंबर 2024 को पुरातत्व विभाग और 1 मार्च 2025 को आगरा विकास प्राधिकरण में शिकायत की। इसके बाद आगरा विकास प्राधिकरण ने निर्माण कार्य सीज कर दिया। मगर पुलिस के सहयोग से विपक्षी पक्ष ने सील तोड़कर फिर से निर्माण शुरू करा दिया।
राजकुमार ने यह भी बताया कि विरोध करने पर उन्हें गाली-गलौज के साथ जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही हैं।
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अदालत में सुनवाई
स्पेशल सीजेएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष से 23 जुलाई को रिपोर्ट तलब की है। वहीं, मामले में कोर्ट में कार्रवाई जारी है।
🔍 मामले की संवेदनशीलता
यह मामला न केवल अवैध निर्माण से जुड़े नियमों के उल्लंघन का है, बल्कि यह ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़ा करता है।