ठगी का नया तरीका: पहले जान-पहचान, फिर मकान के नाम पर लाखों की ठगी, पुलिस कर रही जांच
📰 ठगी का बदला तरीका: पहले दोस्ती, फिर धोखा
शहर में ठगी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। ठग अब नए-नए तरीके अपना रहे हैं।
पहले लोगों से जान-पहचान और भरोसा कायम करते हैं, फिर मकान बेचने या मजबूरी का बहाना बनाकर रकम हड़प लेते हैं।
जब पीड़ित पैसा वापस मांगते हैं, तो उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जाती है।
अभी तक शहर के विभिन्न थानों में कई केस दर्ज हो चुके हैं और पुलिस जांच में जुटी है।
🧾 केस-2: सदर क्षेत्र के फौजी से 4.95 लाख की ठगी, मकान किसी और को बेच दिया
थाना सदर में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, सेवला ओम साईं स्टेट कॉलोनी निवासी फौजी त्रिलोकचंद पाराशर ने तहरीर दी है।
उनकी जान-पहचान शारदा रेजीडेंसी, ताजगंज निवासी हर्षवर्धन थापा से थी।
हर्षवर्धन ने अपनी बहन वैष्णवी और उसके पति विकास के साथ मिलकर फरवरी 2025 से मार्च 2025 के बीच 4.95 लाख रुपये त्रिलोकचंद से ले लिए।
🔹 पैसे देने की तारीख़ें:
1.95 लाख रुपये दिए गए: फरवरी से 8 मार्च 2025 के बीच
3 लाख रुपये और दिए गए: 10 मार्च को सदर तहसील में बैनामा कराने के समय
जब अधिवक्ता ने बैनामा के लिए मूल रजिस्ट्री की मांग की, तो वैष्णवी का पति विकास मौके पर आया और बोला कि “अभी लेकर आता हूं”, लेकिन इसके बाद कोई नहीं लौटा।
📉 मकान किसी और को बेच दिया गया
जानकारी करने पर फौजी को पता चला कि मकान का बैनामा पहले ही किसी और व्यक्ति के नाम कर दिया गया था।
अब पीड़ित धोखाधड़ी और विश्वासघात की शिकायत लेकर पुलिस की मदद मांग रहा है।
पुलिस जांच जारी, सबूत जुटाए जा रहे हैं
पुलिस ने मामले में IPC की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
पीड़ित से लेनदेन के दस्तावेज़, कॉल डिटेल्स और बैंक ट्रांजेक्शन मांगे गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद जल्द गिरफ्तारी की जाएगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
🔎 निष्कर्ष: सतर्क रहें, दस्तावेज जांचे बिना कोई लेनदेन न करें
रियल एस्टेट से जुड़े मामलों में किसी भी सौदे से पहले दस्तावेजों की सत्यता की जांच जरूर करें।
किसी भी मौखिक आश्वासन पर पैसा न दें और अधिवक्ता की सहायता से बैनामा या रजिस्ट्री करें।