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ज़िंदगी भर साथ निभाने की कसमें और सात फेरों के वादे एक झटके में टूट गए। महज 27 साल की उम्र में उत्तम सिंह की ज़िंदगी ने ऐसा मोड़ लिया कि पूरा गांव सन्न रह गया। शुक्रवार शाम बिछवां थाना क्षेत्र के महरमई गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां पंचायत में पत्नी ने बीमार पति का साथ छोड़ दिया, और आधे घंटे के भीतर युवक ने दम तोड़ दिया।
बीमारी बन गई दांपत्य जीवन पर बोझ
मूल रूप से महरमई गांव के निवासी उत्तम सिंह की शादी 2019 में फिरोजाबाद के संत नगर निवासी रेखा से हुई थी। शादी के बाद रेखा दो बार मां बनी, लेकिन दोनों ही नवजात बच्चों की मृत्यु हो गई। इसके बाद से ही उनके जीवन में दुखों का सिलसिला शुरू हो गया। उत्तम लंबे समय से अस्थमा की बीमारी से पीड़ित था।
ससुर की मौत के बाद रेखा ने तोड़ा रिश्ता
15 जून को रेखा के पिता का निधन हुआ, जिसके बाद वह मायके चली गई। वहीं से उसने पति उत्तम के साथ आगे न रहने का फैसला कर लिया। इस निर्णय को लेकर शुक्रवार दोपहर तीन बजे महरमई गांव में दोनों परिवारों के बीच पंचायत बैठी। पंचायत में रेखा ने साफ शब्दों में कह दिया कि वह अब उत्तम के साथ नहीं रहेगी। महिला की जिद के आगे पूरा समाज झुक गया और रिश्ता वहीं खत्म हो गया।
पंचायत के आधे घंटे बाद मौत
पंचायत खत्म होते ही शाम करीब पांच बजे रेखा अपने मायके पक्ष के साथ चली गई। इसी के लगभग आधे घंटे बाद यानी साढ़े पांच बजे उत्तम की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे खून की उल्टियां होने लगीं। परिजन उसे तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार ने गहरे सदमे में पोस्टमार्टम न कराते हुए उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
गांव में फैला मातम, पत्नी तक नहीं आई अंतिम यात्रा में
यह हृदयविदारक घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है। कोई उत्तम की बीमारी पर दुखी है, तो कोई उसके मासूम बच्चों की असमय मौत और फिर पत्नी के द्वारा छोड़े जाने की पीड़ा पर आंसू बहा रहा है।
गांववालों का कहना है कि यह मौत सिर्फ बीमारी की नहीं, बल्कि मानसिक आघात और अकेलेपन की भी थी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उत्तम की मौत की सूचना मिलने के बावजूद उसकी पत्नी और ससुराल पक्ष का कोई भी सदस्य अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। यहां तक कि रेखा ने अपने पति का आखिरी चेहरा देखने की भी ज़हमत नहीं उठाई।