हैलो, मैं एसपी कासगंज बोल रही हूं…” — जब पुलिस अधिकारियों के पास यह कॉल आई तो वे चौंक गए, लेकिन जल्द ही मामला कुछ और ही निकला। दरअसल, यह आवाज असली एसपी की नहीं, बल्कि एक साइबर ठग की थी, जिसने महिला आईपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा की हूबहू नकल करते हुए ठगी का जाल फैला रखा था।
मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के पाटन थाना क्षेत्र के निवासी संकेत यादव (22) नामक युवक को कासगंज पुलिस ने मंगलवार को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। आरोपी महज नौवीं पास है, लेकिन अपनी चालाकी से उसने कई जिलों की पुलिस को चौंका दिया।
कैसे करता था ठगी?
आरोपी संकेत यादव सोशल मीडिया प्रोफाइल पर महिला आईपीएस अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर खुद को एसपी बताता था। कभी अंकिता शर्मा, तो कभी अपर्णा कौशिक की फोटो डीपी (डिस्प्ले पिक्चर) बनाकर वह विभिन्न जिलों के लोगों को फोन करता और डराकर पैसे वसूलने की कोशिश करता।
अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पहले से ही कई जिलों में साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं। कुछ समय पहले उसने कासगंज की पूर्व एसपी अपर्णा कौशिक की फोटो लगाकर आगरा के एक कारोबारी से भी ठगी की कोशिश की थी, लेकिन तब वह पकड़ से बच गया था।
75 सिम, 4 मोबाइल बरामद
पुलिस की साइबर सेल, एसओजी और सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 75 सिम कार्ड और 4 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। संकेत पहले भी साइबर ठगी के मामले में जेल जा चुका है।
‘मंदिर में सीखी पुलिस की भाषा’
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी मंदिरों में पुजारियों से और श्रद्धालुओं की बातचीत सुनकर पुलिस की भाषा, शैली और महिला अधिकारियों का लहजा सीखता था। इसके बाद वह ठगी के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता और फर्जी पहचान के जरिए लोगों से संपर्क करता।
पुलिस की चेतावनी
पुलिस ने आम जनता और अधिकारियों से अपील की है कि किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल में सावधानी बरतें। यदि कोई खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगे या डराने की कोशिश करे, तो तुरंत नजदीकी थाने में सूचना दें।