अवैध धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश — मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान के बेटे गिरफ्तार, कई युवतियों की जिंदगी बर्बाद
आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह के गंदे खेल की परतें दिन-ब-दिन खुलती जा रही हैं। पुलिस ने दिल्ली के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान के दो बेटों अब्दुल्ला और अब्दुल रहीम के साथ-साथ रोहतक की दलित युवती से जबरन निकाह करने वाले जुनैद को भी गिरफ्तार कर लिया है।
इस गिरोह ने न जाने कितनी मासूम युवतियों को धोखे में रखकर उनकी पहचान, धर्म और भविष्य को बर्बाद कर डाला। अब यह सवाल सामने आ रहा है कि आखिर यह गिरोह किस तरह युवतियों को अपने जाल में फंसाता था। पुलिस की जांच में इस साजिश का पूरा नेटवर्क और चरणबद्ध रणनीति सामने आ रही है।
🧠 गिरोह का मास्टरमाइंड और पूरा परिवार संलिप्त
गिरोह का सरगना अब्दुल रहमान पहले ही पुलिस की गिरफ्त में है। अब खुलासा हुआ है कि उसकी पत्नी और बेटे भी इस गोरखधंधे में शामिल थे। अब्दुल रहमान की पत्नी का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह युवतियों को धर्मांतरण के लिए लाने की बात कर रही थी। पुलिस ने उसके घर पर दोबारा छापेमारी की, लेकिन वह फरार हो गई और अब तक लापता है।
🔍 एसबी कृष्णा का खुलासा: कैसे फंसाया जाता है जाल में
पुलिस जांच में गोवा की रहने वाली एसबी कृष्णा का बयान महत्वपूर्ण रहा। उसने बताया कि वह पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी, जहां कश्मीरी छात्राओं ने उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया।
‘शबा’ नाम की छात्रा उसे कश्मीर तक ले गई।
वहाँ उसे धार्मिक रीति-रिवाज़ों में शामिल किया गया, काम कराया गया और पांचों वक्त नमाज़ पढ़ने के लिए बाध्य किया गया।
कुछ समय बाद जब वह घर लौटना चाहती थी, तो दिल्ली पहुंची, लेकिन तब तक उसका जीवन पूरी तरह बदल चुका था। फिर उसे कोलकाता बुलाया गया, जहां वह धर्मांतरण के लिए आने वालों को आर्थिक मदद मुहैया कराने का काम करने लगी।
👩🦱 बंधक बनाकर रखा गया, फिर किया जबरन निकाह
पुलिस ने अब्दुल रहमान के घर से रोहतक की एक दलित युवती को बरामद किया, जिसे बंधक बनाकर रखा गया था।
उसका धर्मांतरण करवा दिया गया था।
निकाह भी ज़बरदस्ती कराया गया।
आरोपी जुनैद ने पहले दोस्ती की, फिर शादी की, और कुछ समय बाद तलाक दे दिया।
इसके बाद अब्दुल रहमान ने उसे अपने घर में रख लिया।
पीड़िता ने बताया कि पहले उसे धर्म के नाम पर सहूलियतों का झांसा दिया गया — पैसे, रहने की जगह, काम देने की बात, लेकिन बाद में सब कुछ बदल गया और वह धोखा महसूस करने लगी।
📋 गिरोह का चरणबद्ध ऑपरेशन – ऐसे फंसाते थे युवतियों को
पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि यह गिरोह पूरे देश में फैला हुआ था और इसका नेटवर्क खासतौर से शिक्षण संस्थानों और सोशल मीडिया के जरिए सक्रिय था।
चरण 1:
गिरोह की महिला सदस्य छात्राओं से दोस्ती करती थीं।
उन्हें इस्लाम धर्म की जानकारी देते हुए “जन्नत” और समानता का पाठ पढ़ाया जाता था।
भावनात्मक, धार्मिक और सामाजिक रूप से प्रभावित किया जाता था।
चरण 2:
धर्म परिवर्तन के लिए तैयार होते ही पैसे, रहन-सहन, काम और सुरक्षा का वादा किया जाता था।
कुछ मामलों में युवतियों को दिल्ली, कोलकाता या कश्मीर भेजा गया।
फर्जी दस्तावेज, निकाह के कागजात और रहने की व्यवस्था भी कराई जाती थी।
चरण 3:
धर्म परिवर्तन और निकाह के बाद अक्सर शोषण, तलाक और मानसिक प्रताड़ना का दौर शुरू होता था।
युवतियों को फिर से किसी दूसरे नेटवर्क या सदस्य को सौंप दिया जाता था।
🔐 जांच जारी, कई गिरफ्तारियां संभावित
पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी कई कड़ियाँ जुड़नी बाकी हैं। इस गिरोह के सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों में फैले हुए हैं, जिनकी पहचान की जा रही है।
अब्दुल रहमान की पत्नी