अयोध्या में भीख मंगवाने के लिए किया जा रहा था हाथी का इस्तेमाल, वन विभाग की कार्रवाई में मिला आज़ाद – मथुरा के चुरमुरा हाथी अस्पताल भेजा गया
धार्मिक नगरी अयोध्या की सड़कों पर जंजीरों में जकड़े नर हाथी ‘हरि’ को भीख मंगवाने जैसे अमानवीय कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। मामला सामने आने पर अयोध्या और सुल्तानपुर वन विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए हाथी को मुक्त कर वाइल्डलाइफ एसओएस संस्था को सौंप दिया।
वन विभाग द्वारा की गई जांच में हाथी के कथित मालिक वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिसके बाद वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत हरि को वन विभाग की कस्टडी में ले लिया गया। तत्पश्चात उसे 600 किलोमीटर दूर मथुरा जिले के चुरमुरा स्थित हाथी अस्पताल भेजा गया, जहां प्राथमिक चिकित्सा, देखभाल और पुनर्वास प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
भीख मंगवाने के लिए शोषण, जंजीरों में कैद था हाथी
हरि को लगातार सड़कों पर घुमाकर उससे पैसे कमाने का काम लिया जा रहा था। स्थानीय लोगों द्वारा वन विभाग को इसकी शिकायत की गई थी। छानबीन में पता चला कि हाथी को लंबे समय से बिना लाइसेंस और अनुचित परिस्थितियों में रखा जा रहा था, जिससे उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ा।
वाइल्डलाइफ एसओएस ने ली जिम्मेदारी
वन विभाग ने वाइल्डलाइफ एसओएस को हाथी सौंपते हुए कहा कि उसका बेहतर इलाज और देखभाल जरूरी है। संस्था द्वारा बताया गया कि “हरि के शरीर पर चोटों और मानसिक तनाव के संकेत हैं, जिन्हें समय रहते ठीक किया जाएगा।” चुरमुरा हाथी अस्पताल में हरि के पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया विशेषज्ञों की निगरानी में चलाई जा रही है।
वन विभाग अधिकारियों ने कहा: “हाथी जैसे बुद्धिमान जीव का इस्तेमाल भीख मंगवाने के लिए करना न सिर्फ अवैध है, बल्कि नैतिक रूप से भी निंदनीय है। ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”