Agra News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में MBBS छात्रों के साथ डिजिटल रैगिंग का मामला सामने आने के बाद प्रदेश के अन्य मेडिकल संस्थानों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में भी निगरानी के उपाय तेज कर दिए गए हैं।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने स्पष्ट कहा है कि, “अगर किसी भी छात्र के साथ रैगिंग (ऑफलाइन या ऑनलाइन) का मामला सामने आता है, तो UGC के दिशा-निर्देशों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
डिजिटल रैगिंग को लेकर छात्रों और फैकल्टी को सचेत रहने के निर्देश दिए गए हैं। कॉलेज प्रशासन व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखने की योजना बना रहा है, ताकि छात्रों को मानसिक उत्पीड़न से बचाया जा सके।
📌 क्या है डिजिटल रैगिंग?
डिजिटल रैगिंग वह प्रक्रिया है जिसमें सीनियर छात्र ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जैसे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि) के जरिए जूनियर्स को धमकाते हैं, अपमानजनक मैसेज भेजते हैं या वीडियो कॉल के जरिए मानसिक दबाव बनाते हैं।