बारिश में बढ़ी आंखों की समस्या: डॉक्टरी परामर्श के बिना ड्रॉप्स से बढ़ रहा कार्निया का नुकसान
बारिश के मौसम में आंखों की एलर्जी, जलन और पानी आने की समस्या में भारी इजाफा हुआ है। एसएन मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में इन दिनों मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। विभागाध्यक्ष डॉ. सिग्नधा सेन ने बताया कि रोजाना औसतन 180 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिनमें बीते दो सप्ताह में केस लगभग दोगुने हो गए हैं।
बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बढ़ा खतरा
डॉ. सेन ने बताया कि बारिश के मौसम में बैक्टीरियल संक्रमण बढ़ जाता है, जिससे आंखों में खुजली, जलन, दर्द, पानी बहना और गंदगी आने की शिकायतें आम हो जाती हैं। कई मरीज बिना चिकित्सकीय सलाह के घर में रखे ड्रॉप्स का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनकी कॉर्निया (आंख की सतह) को नुकसान पहुंच रहा है और समस्या बढ़ रही है।
दूषित हाथ और रुमाल से संक्रमण फैल रहा
नेत्र रोग विभाग के विशेषज्ञ डॉ. तिरुपति नाथ ने बताया कि कई मरीज दूषित हाथों और गंदे रुमाल से आंखों को छूने की वजह से सूजन, दर्द और करकराहट की समस्या से जूझ रहे हैं। खासकर बच्चे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। कुछ लोग बार-बार आंखें रगड़ते हैं, जिससे कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो रही है और देखने में दिक्कत हो रही है।
वायरल संक्रमण से फैमिली में भी खतरा
डॉ. नाथ ने कहा कि वायरल इन्फेक्शन वाले मरीजों के संपर्क में आने से घर के अन्य सदस्य भी 2-3 दिन में संक्रमित हो जाते हैं, इसलिए संक्रमण से बचाव के लिए विशेष सावधानी जरूरी है।
👁️ मरीजों के लिए जरूरी सावधानियां:
दूषित हाथ और रुमाल से आंखों को छूने से बचें।
बार-बार आंखें न पोछें या रगड़ें।
आंखों में जलन या दर्द हो तो बिना डॉक्टर की सलाह के ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें।
आंखों में करकराहट हो तो पानी के छींटे मारने से बचें, स्वच्छ पानी से धोएं।
वायरल संक्रमण के दौरान अपने आइटम्स को परिजनों से साझा न करें।
📢 डॉक्टरों की अपील:
विशेषज्ञों ने लोगों से आग्रह किया है कि बरसात के दौरान आंखों की सफाई और हाइजीन का विशेष ध्यान रखें। संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें ताकि समय रहते उचित इलाज हो सके और जटिलताओं से बचा जा सके।