सोशल मीडिया पर ‘रिवर्ट’ ग्रुप से जोड़ते थे युवाओं को, 100 से ज्यादा फेक आईडी चिह्नित
आगरा: धर्मांतरण गिरोह के नेटवर्क को लेकर पुलिस की जांच अब सोशल मीडिया की गहराइयों में उतर गई है। गिरोह के सदस्य इंस्टाग्राम और फेसबुक पर युवाओं को जोड़ने के लिए फर्जी आईडी का इस्तेमाल करते थे। इन आईडी में अधिकतर के नाम बदले हुए थे और साथ में ‘Revert’ लिखा होता था, जिससे उनकी अलग धार्मिक पहचान बन सके। पुलिस ने अब तक ऐसी 100 से अधिक संदिग्ध सोशल मीडिया आईडी चिह्नित की हैं।
फर्जी आईडी से चल रहा था धर्मांतरण का डिजिटल नेटवर्क
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि अवैध धर्मांतरण के बाद युवक और युवतियों को Revert Muslim ग्रुप्स से जोड़ा जाता था। हर किसी की आईडी को एक खास पहचान दी जाती थी ताकि सर्च करने पर एक साथ उनकी पहचान हो जाए। यह सभी फर्जी नामों से बनी प्रोफाइलें अब पुलिस की रडार पर हैं।
गिरोह की सोशल मीडिया गतिविधियां बंद, आईडी जांच में जुटी पुलिस
गिरोह के सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद इन आईडी से अब कोई पोस्ट या कमेंट नहीं किया जा रहा है, जिससे इनकी सक्रियता पर विराम लग गया है। पुलिस अब इनके मालिकों और लोकेशन की जानकारी जुटा रही है। कुछ आईडी ऐसे लोगों द्वारा बनाई गई हैं जो विदेशों में रह रहे हैं, खासकर दुबई और कनाडा में।
29 जुलाई को खत्म होगी पुलिस रिमांड, फंडिंग और लैपटॉप की भी जांच
गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड 29 जुलाई को समाप्त हो रही है। इनमें आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, शेखर राय उर्फ अली हसन, ओसामा, रहमान कुरैशी, अबू तालिब, अबू रहमान, मोहम्मद अली, जुनैद कुरैशी, मुस्तफा और रीत बानिक उर्फ इब्राहिम शामिल हैं।
इनसे पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं:
विदेश से डॉलर और क्रिप्टो करेंसी के जरिए फंडिंग।
दुबई और कनाडा से पैसे आने के प्रमाण।
गिरोह के सदस्यों के खातों की जांच जारी।
1000 से अधिक मोबाइल नंबरों की जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि प्रत्येक आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं। पुलिस की साइबर सेल और तकनीकी टीम लैपटॉप, मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाल रही है।
12 से अधिक युवतियों को कराया गया मुक्त
अब तक 12 से अधिक युवतियों को धर्मांतरण के जाल से मुक्त कराया जा चुका है। पुलिस को अभी और पीड़ितों के सामने आने की उम्मीद है। इस गिरोह के तार ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स, सोशल मीडिया, और फेक प्रोफाइल्स
से जुड़े हुए हैं।