फतेहाबाद रोड स्थित होटल में आयोजित एसोसिएशन ऑफ मैक्सिलोफेशियल सर्जंस ऑफ इंडिया की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कॉस्मेटिक सर्जरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (एआई) की बढ़ती भूमिका पर चर्चा की। 20 से 35 साल के युवाओं में नाक, होठ और चेहरे की सर्जरी कराने की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
स्कॉटलैंड के डॉ. एंड्रयू एडवर्ड ने बताया कि दुर्घटना या चोट से विकृत चेहरे की बनावट में सुधार के लिए एआई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे मर्ज ठीक होने के साथ-साथ मरीजों की खूबसूरती भी वापस आ रही है। डॉ. रामकृष्ण शेनॉय ने कहा कि जबड़े के मल्टीपल फ्रैक्चर के इलाज में नई तकनीकों और कृत्रिम जबड़े के इस्तेमाल से मरीजों की परेशानी कम हो रही है।
कार्यशाला के अध्यक्ष डॉ. एसके कठारिया और सचिव डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि खर्राटों की समस्या भी युवाओं में बढ़ रही है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। सरकारी और निजी अस्पतालों में इसकी सर्जरी के मामले भी बढ़ रहे हैं, जिससे रोगी राहत पा रहे हैं।