Agra Live News: जिले में स्वास्थ्य विभाग ने बिना डिग्री इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) के स्पष्ट निर्देश के बाद अब सभी ब्लॉकों में इन फर्जी डॉक्टरों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही एक साथ कई इलाकों में छापेमारी की जाएगी, जिससे कोई भी झोलाछाप डॉक्टर बच न सके।
CMO के निर्देश: हर ब्लॉक से मांगी गई सूची
CMO कार्यालय की ओर से बाह, अछनेरा, किरावली, फतेहाबाद, एतमादपुर, बिचपुरी, पिनाहट, शमशाबाद, खेरागढ़, सैंया और खंदौली ब्लॉकों के CHC व PHC इंचार्जों को निर्देश भेजे गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में चल रहे फर्जी क्लीनिकों की सूची तत्काल प्रभाव से तैयार करें।
गुप्त टीमें पहले से मैदान में, सबूत जुटाने का काम जारी
स्वास्थ्य विभाग ने कुछ इलाकों में गुप्त निरीक्षण टीमें पहले ही भेज दी हैं। ये टीमें ग्रामीणों से गुप्त रूप से बातचीत कर रही हैं, झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक की फोटो और वीडियो ले रही हैं, और उनकी कार्यशैली पर नजर रख रही हैं। इन टीमों को पहचान छुपाकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि फर्जी डॉक्टरों को भनक न लगे। सभी रिपोर्ट सीधे CMO कार्यालय को सौंपी जा रही हैं।
बिना डिग्री, बिना ट्रेनिंग – इलाज के नाम पर हो रहा जानलेवा एक्सपेरिमेंट
गांव-देहात और शहरी क्षेत्रों में दर्जनों ऐसे क्लीनिक सामने आए हैं जहां इलाज के नाम पर सीधे इंजेक्शन, दर्दनिवारक और स्टेरॉइड दिए जा रहे हैं। न जांच, न टेस्ट – सिर्फ अनुमान से दी जा रही दवाइयां मरीजों की जान को खतरे में डाल रही हैं। कई मामलों में तो मरीज की हालत इतनी बिगड़ गई कि गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाना पड़ा।
स्टेरॉइड का दुरुपयोग – तुरंत राहत, मगर स्थायी नुकसान
जांच में यह भी सामने आया है कि कई झोलाछाप डॉक्टर इलाज में स्टेरॉइड का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि मरीज को तात्कालिक राहत मिले। लेकिन यह राहत एक खतरनाक भ्रम है, क्योंकि:
शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है
- ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा
- फेफड़े, किडनी और लिवर पर असर
- बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है
हाई-रिस्क जोन: इन इलाकों पर प्रशासन की विशेष नजर
स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट में कई इलाकों को हाई रिस्क जोन बताया गया है, जिनमें:
नगला बघेल: पान की दुकान के बगल में चल रहा फर्जी क्लीनिक
नगला बूदी: बिना दस्ताने दिए जा रहे इंजेक्शन
बरेरा व कीठम रोड: खेतों और जंगलों के बीच गुप्त क्लीनिक
पिनाहट व बाह ब्लॉक: सीमावर्ती गांवों में व्यापक फर्जी इलाज
FIR, क्लीनिक सीलिंग और मेडिकल एक्ट के तहत कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि किसी व्यक्ति के पास मेडिकल डिग्री नहीं है और वह इलाज करता पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ FIR दर्ज होगी, क्लीनिक सील किया जाएगा और मेडिकल एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है।
निष्कर्ष: अब नहीं चलेगा इलाज का नाटक
स्वास्थ्य विभाग अब किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रशासन का मानना है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से न केवल लोगों की जान खतरे में पड़ती है बल्कि योग्य डॉक्टरों की साख भी दांव पर लगती है। यही कारण है कि अब पूरे जिले में सफाई अभियान की शुरुआत हो चुकी है।