Agra Live News: उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हुई लगातार बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में दिखने लगा है। यमुना नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आगरा के तटवर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। रविवार को गोकुल बैराज से 10,165 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना का जलस्तर वाटर वर्क्स पर 486.7 फीट तक पहुंच गया। हालांकि अभी बाढ़ का सीधा खतरा नहीं है, क्योंकि बाढ़ का न्यूनतम स्तर 495 फीट निर्धारित है।
हाथी घाट और एत्माद्दौला व्यू पॉइंट पर बढ़ी निगरानी
यमुना के जलस्तर में वृद्धि के चलते प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। हाथी घाट और एत्माद्दौला व्यू पॉइंट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी की जा रही है। सिंचाई विभाग ने प्रतापपुरा में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया है। कंट्रोल रूम का नंबर 0562-2463714 जारी कर दिया गया है, ताकि आपात स्थिति में आमजन संपर्क कर सकें।
बाढ़ नियंत्रण प्रभारी चंचल मुच्छल ने जानकारी दी कि कुछ दिन पहले गोकुल बैराज से 15,000 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था, जिससे जलस्तर में और तेजी आई है। रविवार को ओखला बैराज से 5,211 क्यूसेक और ताजेवाला बैराज से 2,044 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। इसके चलते पिछले 24 घंटे में वाटर वर्क्स पर जलस्तर में 2 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है।
हर घंटे की जा रही निगरानी
सिंचाई विभाग द्वारा बैराजों से छोड़े जा रहे पानी और यमुना के जलस्तर की हर घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है। विभागीय अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंचने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
पिनाहट में चंबल का जलस्तर स्थिर
यमुना के अलावा चंबल नदी का भी हालात पर नजर रखी जा रही है। रविवार को पिनाहट में चंबल का जलस्तर 114 मीटर पर स्थिर रहा। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार, कोटा बैराज से पिछले दो दिन से चंबल में पानी नहीं छोड़ा गया है। वर्ष 2025 में जब कोटा बैराज से 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था, तब बाह-पिनाहट क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे।
बाह क्षेत्र में चंबल के उफान पर आने की स्थिति में 20 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। इसलिए प्रशासन ने चंबल पर भी विशेष निगरानी के निर्देश जारी किए हैं।